Carbo Veg होम्योपैथी दवा के उपयोग, लक्षण और मात्रा
कार्बो वेज या कार्बो वेजिटेबिलिस होम्योपैथी में व्यापक रूप से प्रयुक्त पॉलीक्रेस्ट औषधियों में से एक है। इस औषधि का निर्माण वनस्पति चारकोल के ट्राईचुरेशन (विचूर्णन) द्वारा किया जाता है। होमियोपैथी चिकित्सक इस औषधि का उपयोग किसी ऐसी दुर्बल करने वाली बीमारी के दौरान और उसके बाद करते हैं जिससे रोगी बहुत कमज़ोर हो गया हो। इसके अलावा, इसका उपयोग अक्सर पेट की समस्याओं, रक्तस्राव, पुराने अस्थमा, बहुत पहले हुई चोट के दुष्प्रभावों, दंत समस्याओं और कई अन्य मामलों में भी किया जाता है। यह अपने एंटीसेप्टिक और कीटाणुनाशक गुणों के लिए भी होमियोपैथी चिकित्सकों के बीच प्रसिद्ध है। यह औषधि रक्त वाहिकाओं (खून की नसों) में भी अपना प्रभाव दिखाती है।

कार्बो वेज का कंस्टीटूशन (Constitution of Carbo Veg)
कार्बो वेज के रोगी किसी दुर्बल करने वाली बीमारी, शरीर में तरल पदार्थों की कमी या दवाओं के अत्यधिक सेवन के कारण बहुत कमज़ोर हो गए होते है। ये रोगी पिछली बीमारियों से पूरी तरह उबर नहीं पाए होते हैं और इनका पाचन तंत्र कमज़ोर होता है। कार्बो वेज का उपयोग वृद्धावस्था में शिराओं में रक्त के थक्के जमने की शिकायत के लिए किया जाता है। इस औषधि के रोग अधिकतर अचानक शुरू होते हैं। ये रोगी कमज़ोर, सुस्त और आलसी होते हैं। इस रोगी का चेहरा फूला हुआ, नीला और ठंडे पसीने से पीला पड़ जाता है।
कार्बो वेज के मानसिक लक्षण (Carbo Veg Mental Symptoms)
इस औषधि के रोगियों को मानसिक सुस्ती महसूस होती है। मानो उनका दिमाग धीमा हो गया हो। रोगी के लिए किसी गतिविधि में बने रहना मुश्किल होता है। रोगी हर समय लेटकर आराम करना चाहता है। याददाश्त कमज़ोर होती है। शाम को बेचैनी होती है। रोगी निराशा में डूबा रहता है और उसकी आँखों से आँसू बहते रहते हैं। व्यक्ति कुछ भी करने को तैयार नहीं होता; उसकी विचार करने की क्षमता धीमी हो जाती है।
कार्बो वेज का कार्य क्षेत्र (Sphere of Action of Carbo Veg)
यह औषधि रक्त वाहिकाओं के शिरापरक भाग, केशिकाओं, फेफड़ों, श्लेष्मा झिल्ली, और पेट के ऊपरी हिस्से में गैस, पेट दर्द और शूल जैसे आमाशय विकारों और शरीर की अन्य महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं पर अपनी प्रमुख क्रिया प्रदर्शित करती है।
कार्बो वेज पेट की शिकायतों, बवासीर, किसी गंभीर बीमारी के कारण होने वाली थकावट, अल्सर, शक्ति की कमी और रक्तस्राव, कुनैन के दुरुपयोग, नमक और मांस के सेवन से होने वाली बीमारियों और कई अन्य स्थितियों में बहुत प्रभावी है।
विशेष अंगों के लक्षणों में कार्बो वेज का उपयोग (Use of Carbo Veg in Particular Organ Symptom in Hindi)
1. उदर और आंत की समस्याओं में कार्बो वेज का उपयोग (Uses of Carbo Veg in Gastrointestinal Complaints in Hindi)
यह औषधि आमाशय प्रणाली पर बहुत अच्छा प्रभाव डालती है। यह पाचन तंत्र की कमजोरी में अद्भुत रूप से काम करती है; इसके रोगी का सामान्य भोजन से भी पेट फूलता है और डकार से केवल अस्थायी राहत मिलती है।
मांस, वसा और दूध से पेट फूलता है। यह पेट फूलने की एक बहुत अच्छी औषधि है, जिससे डकार से अस्थायी राहत मिलती है। रोगी को ऐसा लगता है जैसे उसका पेट फट जाएगा। खाने-पीने के बाद अत्यधिक डकारें आती हैं। कई बार पेट फूलने के साथ सिरदर्द भी होता है। इसका उपयोग पेट के अल्सर के इलाज के लिए भी किया जाता है। इन रोगियों को पेट में एसिडिटी (अम्लता) की भी शिकायत रहती है।
कार्बो वेज के रोगियों को कब्ज की समस्या रहती है। रोगी को मल त्यागने में कठिनाई होती है; उसे ज़ोर लगाना पड़ता है और फिर गुदा क्षेत्र में जलन होती है। मल त्याग के बाद भी पेट में दर्द रहता है। कार्बो वेज के रोगियों को गहरे नीले रंग के बवासीर (अर्श) होते हैं।
अधिक वजन उठाने से पेट में दर्द होता है और यात्रा करने से पेट में दर्द होता है। ये रोगी शिकायत करते हैं कि बहुत समय पहले अत्यधिक शराब पीने के कारण उनका पाचन तंत्र कमजोर हो गया है। दस्त में, मल त्याग के बाद जलन होती है।
2. सिरदर्द और चक्कर आने में कार्बो वेज का उपयोग (Uses of Carbo Veg in Headache and Vertigo in Hindi)
जब सिरदर्द और पेट में सूजन एक साथ होती है, तो होम्योपैथ की पहली पसंद वर्बो वेज है। जब चक्कर आने के साथ-साथ मतली और चिंता भी हो, तो काबो वेज का उपयोग किया जाता है।
कार्बो वेज का सिरदर्द सर्दी लगने से होता है। नाक से स्राव होने पर रोगी को आराम मिलता है और जब स्राव बंद हो जाता है, तो सिर में जकड़न बढ़ जाती है।
3. बाल झड़ने में कार्बो वेज का उपयोग (Uses of Carbo Veg in Hair Loss)
कार्बो वेज बालों के झड़ने के कई मामलों में उपयोगी है। बालों का यह झड़ना किसी गंभीर बीमारी या लंबे समय तक दवाओं के सेवन के बाद के प्रभाव के कारण होता है, ऐसी दवाएं जो शरीर को कमज़ोर और सुस्त बना देती हैं और बालों के झड़ने का कारण बनती हैं।
जिन मामलों में ऊर्जा की कमी के कारण बाल झड़ रहे हैं, कार्बो वेज अच्छे परिणाम दे सकता है। इस दवा के रोगियों के बाल हाथ लगाने पर हाथो में आ जाते है।
4. आँखों की शिकायत में कार्बो वेज का उपयोग (Uses of Carbo Veg in Eye Problems)
कार्बो वेज तब उपयोगी है जब बारीक काम के कारण आँखों में दर्द हो। ऊपर देखने पर आँखों की मांसपेशियों में दर्द होता है। कार्बो वेज के रोगी की पलकें रात में आपस में चिपकी हुई महसूस होती हैं।
आँखों में भारीपन और पलकों का काँपना महसूस होता है। यह तब भी उपयोगी है जब रोगी की पुतलियाँ प्रकाश पर प्रतिक्रिया नहीं करतीं।
5. कान की शिकायत (Ear Symptoms of Carbo Veg)
यह कान के स्राव के लिए एक बहुत अच्छी दवा है। स्राव दुर्गंधयुक्त और पीले रंग का होता है।
6. मुख गुहा की शिकायतो में कार्बो वेज का उपयोग(Oral Cavity Symptoms of Carbo Veg)
कार्बो वेज का उपयोग मसूड़ों से खून आने को रोकने के लिए किया जाता है। यदि दांत ढीले हों और उनमें छाले हों। गर्म या ठंडा खाने पर दांतों में दर्द हो, तो यह दवा दर्द से राहत दिलाती है। कार्बो वेज के रोगियों में दांत तेजी से सड़ते हैं। ब्रश करते समय उनके मसूड़ों से खून निकलता है। इन रोगियों में बिना प्यास के ही मुँह सूख जाता है।
यह दवा तब उपयोगी होती है जब पेट की समस्याओं के कारण जीभ पीले-भूरे रंग की परत से ढकी हो। इस दवा का उपयोग मुँह से आने वाली दुर्गंध (हैलिटोसिस) के उपचार में भी किया जाता है।
7. नाक की शिकायत (Nose Complaints of Carbo Veg in Hindi)
कार्बो वेज के रोगी में, नकसीर कई हफ्तों तक लगभग नियमित रूप से होती है। यह नकसीर तब बढ़ जाती है जब रोगी कोई थकाऊ शारीरिक गतिविधि करता है और खून बहने से पहले और बाद में उसका चेहरा पीला पड़ जाता है।
8. चेहरे के लक्षण (Facial Symptoms of Carbo Veg in Hindi)
रोगी का चेहरा बीमार सा, बहुत पीला और हरा-पीला सा दिखता है। होंठ सूखे, सिकुड़े, नीले और बीमार हो जाते हैं। खून की कमी के कारण रोगी का चेहरा ठंडे पसीने से ठंडा हो जाता है।
9. गले की शिकायत (Throat Complaints)
स्वरयंत्र और गले में खराश होती है। आवाज में भारीपन, जो शाम के समय ज़्यादा होती है, और खांसने पर खराश बढ़ जाती है। बात करने से स्वरयंत्र में कमज़ोरी महसूस होती है। कार्बो वेज के मरीज की परेशानी पहले नाक से शुरू होती है जो जा के गले में बैठ जाती है। गले से खूनी बलगम आता है एवं गले में छाले हो सकते हैं।
इन रोगियों को छालों के कारण भोजन निगलने में कठिनाई और दर्द महसूस होता है, और कार्बो वेज ऐसी स्थितियों में बेहतरीन परिणाम देता है। कार्बो वेज के रोगियों को खांसते, निगलते और नाक साफ करते समय गले में खराश जैसा दर्द महसूस होता है।
10. श्वसन संबंधी शिकायतें (Respiratory Complaints)
यदि छाती में कमज़ोरी और घुटन महसूस हो, तो कार्बो वेज का उपयोग किया जा सकता है। रोगी लेट नहीं सकता, क्योंकि लेटने से घुटन बढ़ जाती है। उपयुक्त लक्षण मिलने पर कार्बो वेज का उपयोग अस्थमा के इलाज के लिए भी किया जाता है।
रोगी को हर समय पंखा झलना अच्छा लगता है क्योंकि वह हांफता रहता है मानो उसे पर्याप्त हवा नहीं मिल रही हो। उसकी साँस ठंडी और दुर्गंधयुक्त होती है। खांसी के बाद सांस लेने में तकलीफ (डिस्पनिया) होती है। खांसते समय, रोगी को घुटन होती है और बलगम बड़ी मुश्किल से निकलता है।
रोगी इतना कमज़ोर महसूस करता है कि वह खांसने के लिए बैठ भी नहीं पाता, जिससे उसकी तकलीफ और भी बढ़ जाती है। शुरुआत में खांसी सूखी होती है, जो बाद में कम हो जाती है और बलगम आसानी से निकल आता है।
11. त्वचा और अल्सर में कार्बो वेज के लक्षण (Carbo Veg Symptoms in Skin and Ulcers)
कार्बो वेज के रोगी की त्वचा, मुँह और श्लेष्मा झिल्ली पर अल्सर होता है और उनसे पतला स्राव निकलता है। अगर ठीक से इलाज न किया जाए तो ये अल्सर गैंग्रीन में बदल सकता हैं। इसका उपयोग बिस्तर के घावों (बेड सोर) के लिए किया जाता है, जिन घावों से आसानी से खून निकल आता है।
कार्बो वेज त्वचा में जलन और ठंड लगने पर अच्छा काम करता है। चोट लगने के बाद त्वचा पर हुए अल्सर के लिए यह एक बहुत अच्छी औषधि है।
त्वचा नीली, ठंडी और खुजलीदार हो जाती है। गर्म पसीने से त्वचा नम हो जाती है। अल्सर से निकलने वाला स्राव बहुत तेज़ होता है। कार्बो वेज वैरिकोज़ अल्सर और कार्बंकल में भी अच्छा काम करता है।
अगर कोई हिस्सा घायल हो और उसमें अल्सर होने की संभावना हो, तो उसे गैंग्रीन में बदलने से रोकने के लिए सबसे पहले कार्बो वेज के बारे में सोचना चाहिए। यह पैरों की वेरिकोज़ नसों के लिए एक अच्छी औषधि है, जहाँ रक्त रुक जाता है। हर छोटी सी सूजन काली या बैंगनी हो जाती है और उस जगह पर त्वचा उतरने लगती है।
12. पुरुषों की शिकायतों में कार्बो वेज के उपयोग (Carbo Veg Uses in Male Complaints in Hindi)
इन रोगियों में, मल त्याग के दौरान प्रोस्टेटिक द्रव का स्राव होता है। रोगी को वृषण में दबाव महसूस होता है। अंडकोश के पास जांघों पर त्वचा में खुजली और नमी होती है।
पुरुषों को संभोग के दौरान शीघ्र स्खलन की समस्या होती है।
13. महिलाओं की शिकायतें (Female Complaints)
कार्बो वेज समय से पहले मासिक धर्म आने और हल्के रक्त के लिए अच्छी औषधि है। योनिद्वार सूज जाता है और मोन्स प्यूबिस पर वैरिकोज़ हो जाता है। इन महिलाओं को मासिक धर्म से पहले सफेद स्राव (ल्यूकोरिया) होता है, जो गाढ़ा होता है और त्वचा में जलन पैदा करता है।
मासिक धर्म के दौरान, रोगी को तलवों और पैरों में जलन महसूस होती है। गर्भपात और स्तन ग्रंथियों में सूजन की संभावना रहती है।
14. गर्दन और पीठ की शिकायतें (Neck and Back Complaints)
कार्बो वेज गर्दन में अकड़न के लिए संकेतित है। गले की ग्रंथियों में सूजन और पीठ तथा गर्दन के पिछले हिस्से में चुभन और खिंचाव जैसा दर्द होता है। बांह के बगलो में दाने निकल आते है जिनसे छिलने वाला श्राव निकलता है यह श्राव काफी ज्यादा मात्रा में निकलता है।
15. हाथ-पैरों की शिकायतें (Complaints of Extremities)
कंधों में तीव्र और जलन वाला दर्द होता है। कार्बो वेज में हाथों के जोड़ों में तनाव रहता है मानो वे बहुत छोटे हों, और मांसपेशियों में ऐंठन होना बहुत आम है। हाथों पर खुजली वाला दाना होता है। उंगलियों के सिरे अल्सरयुक्त हो जाते हैं, क्योंकि कार्बो वेज में अल्सर होना बहुत आम है।
रात में पिंडली की मांसपेशियों में ऐंठन होती है। पैर की उंगलियों में लालिमा और सूजन के साथ अत्यधिक दर्द रहता है। कार्बो वेज के रोगियों में हाथ-पैरों में अल्सर होना आम है।
कार्बो वेज के लक्षणों में वृद्धि और कमी (Modalities of Carbo Veg)
कार्बो वेज में, रोगी के लक्षण खुली हवा, गर्म भोजन, ठंड, मक्खन, दूध, कॉफी, मादक पेय और गर्म, नम मौसम में जाने से बढ़ जाते हैं।
रोगी को ठंडी हवा लगाने और पास से तेज़ पंखा झलने से आराम महसूस होता है। डकार आने से लक्षणों में आराम महसूस होता है।
कार्बो वेज की मात्रा (Doses of Carbo Veg)
कार्बो वेज की आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली शक्तियाँ 30C, कार्बो वेज 200C, कार्बो वेज 1M और कार्बो वेज 10M हैं। लेकिन इन उच्च शक्तियों का सेवन केवल होम्योपैथिक चिकित्सक से उचित परामर्श के बाद ही किया जाना चाहिए। ये उच्च शक्तियाँ पुराने रोगों के लिए उपयोग की जाती हैं। रोगी की स्थिति के अनुसार पुनरावृत्ति की जानी चाहिए। आपका चिकित्सक बीमारी के इलाज के लिए आपके मामले के लिए उचित खुराक एवं पुनरावृत्ति तय कर सकता है।
अन्य औषधियों के साथ संबंध (Relationship With Other Remedies)
पूरक: कार्बो वेज, काली कार्ब, ड्रोसेरा और सिनकोना का पूरक है।
कार्बो वेज एंटीडोट करती है: कैम्फर, आर्सेनिक एल्बम, लैकेसिस और कॉफ़ी जैसी औषधियों को।
कार्बो वेज को एंटीडोट करती है: आर्सेनिक एल्बम, कैम्फर, फेरम मेट और लैकेसिस।
नोट: कोई भी होम्योपैथिक औषधि लेने से पहले किसी योग्य होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें। इस लेख का उपयोग चिकित्सीय सलाह के रूप में नहीं किया जाना चाहिए, यह केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। एक योग्य होम्योपैथिक चिकित्सक आपके मामले के लिए उपयुक्त औषधि, उसकी क्षमता और उचित खुराक का निर्णय ले सकता है।